बोल रे कठपुतली
कौन संग बंधी डोर
नाचे तू किसके लिए ?
बावरी कठपुतली
नए नाम नित नए रूप
धर मैं आई ,
मैं चली गई
लेकिन मैंने धूम मचा दी जिस नगरी ,
जिस गली गई
छोड़ के जग ,
तारों में जा पहुंची,
वहां भी यही पुकार
बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बाँधी
सच बतला तू नाचे किस के लिए ? !
कौन संग बंधी डोर
नाचे तू किसके लिए ?
बावरी कठपुतली
नए नाम नित नए रूप
धर मैं आई ,
मैं चली गई
लेकिन मैंने धूम मचा दी जिस नगरी ,
जिस गली गई
छोड़ के जग ,
तारों में जा पहुंची,
वहां भी यही पुकार
बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बाँधी
सच बतला तू नाचे किस के लिए ? !
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