Saturday, September 1, 2012

माना अपनी जेब से फ़कीर हैं...फिर भी यारों दिल के हम अमीर हैं...मिटे जो प्यार के लिए वो ज़िन्दगी...जले बहार के लिए वो ज़िन्दगी...किसी को हो ना हो हमें तो ऐतबार...जीना इसी का नाम है |
रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का...जिंदा है हमीं से नाम प्यार का...की मर के भी किसी को याद आयेंगे...किसी के आंसुओं में मुस्कुराएंगे...कहेगा फूल हर कली से बार बार...जीना इसी का नाम है !!!!!

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