Thursday, February 6, 2014

है दम ?

जो लोग अपने अंदर नकारात्मक ऊर्जा भरते जाते हैं, एक दिन ऐसा आता है कि उनकी यही ऊर्जा उन्ही के लिए प्राण घातक  सिद्ध  हो जाती है  . जीवन बहुत छोटा है।  हमारे इस देह को छोड़ जाने के बाद लोग हमें याद रखें इसके लिए ज़रूरी है कि आप लोगों कि सुबह कि किरण का कारण बने , न कि उनकी अमावस्या का।

गम तो बहुत हैं दुनिया में लेकिन हम भी कुछ कम नहीं।
हैं गम तो वही सही , तोड़ दे हमे ,अभी उसमें वो दम नहीं।


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