Wednesday, February 5, 2014

देवाची

ठाने अगर हम बदले कि , दिन रात बदल देंगे 
अंत हमें क्या बदलेगा, हम शुरुआत बदल देंगे . 

माना हमने अपनी आँखों में किसी के ख्वाब बोये है , बंजर ज़मीन पे हमने गुलाब बोये है 
हालत पे हमारी मत जाना, हम हालात बदल के रख देंगे।  


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